सब कुछ सबको बताना ज़रूरी है क्या
हर गम को आंसू से लिखें जरूरी है क्या ।।
कितनी चाहत है दिल में आपके लिए
ये भी हम आपको बताए ज़रूरी है क्या ।।
कुछ रिश्ते ऐसे ही मिट जाते हैं दिल मे
हर नदी को सागर ही मिले ज़रूरी है क्या।।
मंदिर मस्जिद गिरजा हर द्वार मे आपको मांगा
अब हर दुआ कुबूल हो ज़रूरी है क्या ।।
हर प्रेमी राधा – कृष्ण हों ये ज़रूरी है क्या
आप भी हमको हम जैसा चाहें ज़रूरी है क्या।।
चल ज़िन्दगी तू भी बदल जा
अनपे आपसे प्यार करले ज्यादा
जरा खुदको बदल ना नामुमकिन नहीं
जब समझ गई तो क्यों रखे गमज्यादा।
ये सिर्फ सायरी नहीं मेरे सायर की प्यारी ये तो हर दिल का एहसास है।
ऐसे तुम लिखते रहो हम नाजुक है तुम्हारे प्यार भरी कबिता की प्रेम मै।
❤️❤️💟❤️❤️
दिल लग गई❤️❤️