चल जिंदगी तू भी बदल जा

छोड़ दे यूंही सबका फिक्र करना
छोड़ दे यूंही सबका जिक्र करना
मत चाहा किसीको इतना
क्यों सबपे यूंही मर मिटना ,

छोड़ दे सबके खुशियां का
ख्याल रखना
कभी ये भी सोच ले जब जिंदगी तेरी हे
फिर क्यूं किस ओर केलिए जीना
तेरे भी कुछ सपने है
तेरे भी कोई अपने है
क्यों गैरो को लिए यूंही रात भर रोना
छोड़ दे सबको खुश करना
चल जिंदगी तूभी थोडासा बदल जा ।

जो होगा तेरा अपना
वो ज़रूर आएगा
तुझे यहां छोड़कर
वो भी कहां जायेगा
अगर दर्द तुझे हो रहा है
तो दर्द उसे भी होता होगा
पर सिर्फ तू ही क्यूं बयां करे
कभी तो उसे भी करना चाहिए
अगर वो ना करता है तो छोड़ दे ना
अछा नही लगता यूंही किसे गले पड़ना ।
जिंदगी तू भी बदल जा ।

सब बदल रहे हे यहां
और तू क्यों पीछे पड़ा है
सब भाग गाए हैं तुझे छोड़कर
तो फिर तू ही क्यूं
वो पुराने पल को याद कर रहा है ।

अगर तू जल रहा है तो
सायद वो भी जलता होगा ना
ना बस तू ही मरता था उस पर
पर वो बेवफा तो नहीं था ना ।

चल छोड़ देते है उसे उसके हालत पर
अब शिकायत भी कर नही सकते
अब तो हम साथ नहीं रहे
तो फिर तुमसे अब शायरी लिखवाने की
जिद भी नहीं करसकते ।

अब सब कुछ पेहेले जैसा ना रहा
मंजिल बिछड़ गई
और साथ में कोई ना रहा
अब तो समझ जा तू
जब की सब कुछ बदल गेया
चल जिंदगी तू भी बदल जा ।

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