कविता

ये रात की तन्हाई

आओ कुछ तारों को चुन कर दोस्ती बनाएं सितारे बनने की कुछ तरकीब आजमाएं कुछ दिल की बात चांद को चुपके बताएं चलो ये रात की तन्हाई में एक मेहफिल जमाएं। आओ कुछ जुगनूओं से आसमां के पता पूछें चाहे कोई आए या न आए हमारे पीछे पीछे सपनों को अपनी सफर के कुछ किस्से …

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कशमकश..

एक वक्त था जिंदगी में दो घड़ी कोई पास आकर ना बैठा, आंशु तो बहुत दूर की बात है हंसी तक बांटने के लिए पुरा जग हमसे था रूठा । अचानक से हमारी याद केसे आ गई, जो हम पर इतने मेहरबान हो गये जिस अम्मीद की आस कबकी दफन हो गई थी, उसे फिरसे …

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चल जिंदगी तू भी बदल जा

छोड़ दे यूंही सबका फिक्र करना छोड़ दे यूंही सबका जिक्र करना मत चाहा किसीको इतना क्यों सबपे यूंही मर मिटना , छोड़ दे सबके खुशियां का ख्याल रखना कभी ये भी सोच ले जब जिंदगी तेरी हे फिर क्यूं किस ओर केलिए जीना तेरे भी कुछ सपने है तेरे भी कोई अपने है क्यों …

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गजल

सब कुछ सबको बताना ज़रूरी है क्या हर गम को आंसू से लिखें जरूरी है क्या ।। कितनी चाहत है दिल में आपके लिए ये भी हम आपको बताए ज़रूरी है क्या ।। कुछ रिश्ते ऐसे ही मिट जाते हैं दिल मे हर नदी को सागर ही मिले ज़रूरी है क्या।। मंदिर मस्जिद गिरजा हर …

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आहें तेरे इश्क़ में

आहें तेरे इश्क़ में अब भरता रहा हूँ तेरे बिना में आज भी तेरे नाम से जीता रहा हुँ | एक न छूटने वाला आदत सी बन गयी है तू आहें भरताहूँ लेकिन तेरा इबादत करता रहा हूँ। तेरे उन झील सी आँखों में कई बार डुबकी लगाया था हमने उन आँखों में आज भी …

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ओ बापू तुम फिर आना

इस बार अंग्रेजो से नहीं खुदसे लड़ने की हमें उपाय बताना फिर से बंध चुके हैं खुद ही खुद से अब हमें मुक्ति दिलाने के लिए ओ बापू तुम फिर आना…… सत्य उलझ चुका है झूठ की अंधेरे में प्रेम बदल गया है समय की कटघरे में हिंसा की जलती हुई समंदर से आजादी दिलाने …

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बदलते जज़्बात

कुछ बातें लबों पर लहराते कुछ दिल में दबा सा रहता है मगर हर एक के सीने में कोई दर्द छुपा सा रहता है … लोग हंसते सबके सामने है पर यहां कौन खुलकर रोता है पूछो जाकर बिस्तरों से यहां कौन सुकून से सोता है … कोई सिसकी लेता है चुपके से अपनी ही …

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मिलने से पहले बिछड़ना था

तुम्हे जाना था उस छोर और मैं नहीं छोड़ सकती थी अपनों के डोर ना तुम रुक सकते थे और ना मुझे झुकना था मिलने से पहले ही हमारा बिछड़ना तय था। तुम अपने जिद में अड़े थे पर प्यार बेइंतेहा है दावा भी कर रहे थे मेरे होने से सुकून ना होने से बैचेनी …

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मुझसे प्यार उतना

जब मैं प्यार ना करूं तुमसे तुम फिर भी प्यार करना भटकता ये दिल जो ना ठहरे कहीं यार मेरे लिए थोड़ा रुकना पड़े तो रुक जाना क्या तुम कर सकते हो मुझसे प्यार उतना? मैं भूल जाऊंगी जब पुरानी यादों को तुम कुछ नया यादें बना लेना मैं जब हर वक्त रूठती हूं मेरे …

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माँ , तेरी बेटी उतनी भी बुरी नहीं

माँ, तेरी बेटी अब बड़ी हो चुकी है । जो बीस साल पहले तेरी गुड़िया हुआ करती थी आज वह खुद गुड़िया छोड़ कलम पकड़ी हुई है, तेरे लिए, आँसूओं के साथ। माँ, तुझे शायद अंदाजा नहीं तेरी बेटी अब खुद को संभाल सकती है; हर एक मामलों में सबकी दखलंदाजी उसे पसंद नहीं है …

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